चैत्र मास के नवरात्र में षष्ठी तिथि को हर साल चैती छठ का त्योहार मनाया जाता है। भविष्य पुराण के अनुसार, कार्तिक मास की छठ और चैत्र मास की छठ का विशेष महत्व होता है। कार्तिक मास की छठ दीपावली के तुरंत बाद पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में धूमधाम से मनाई जाती है। पुराणों में बताया गया है कि नवरात्र की षष्ठी तिथि को सूर्यदेव की पूजा विवस्वान के रूप में करनी चाहिए। लेकिन क्या आप जानते हैं छठ पूजा से क्या है भगवान राम का संबंध चलिए बताते हैं
The festival of Chaiti Chhath is celebrated every year on the sixth day of Navratri in the month of Chaitra. According to Bhavishya Purana, the Chhath of Kartik month and the Chhath of Chaitra month have special significance. Chhath in the month of Kartik is celebrated immediately after Diwali with great pomp in eastern Uttar Pradesh, Bihar and some parts of West Bengal. It is told in the Puranas that on the sixth day of Navratri, the Sun God should be worshiped in the form of Vivaswan. But do you know what is the relation of Lord Ram with Chhath Puja?
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